माँ की ममता सबसे ऊँची दुनिया इससे नीची,
एक बार खेल-खेल मे गुलेल है खींची,
जो माँ के आँखो के पास है भिंची,
माँ गुस्से मे बोली अगर आंख मे चला जाता,
मैं डर के बोला डॉक्टर के पास ले जाता,
फिर माँ बोली अगर आँख ही चला जाता,
मैं दुखी मन से बोला माँ मैं तेरी सेवा करता,
मैं मजाक मे बोला अगर माँ मेरी आँख चली जाती,
माँ हँस के बोली मैं अपनी आँख तुझे देती,
माँ की ममता सबसे ऊँची दुनिया इससे नीची !!
@@@पंकज@@@
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