पिता जी के पर्स मे बिखरे नोट रहते थे खूब,
बचपन मे जब लगती थी भूख,
चोरी से निकलता था खूब,
घर पर बोलता मम्मी लगी नहीं भूख,
अब नौकरी करके कमाता हूँ खूब,
अब भी पिता जी के पर्स मे बिखरे नोट रहते है खूब,
पर्स मे चोरी से अब कुछ नोट रखता हूँ खूब,
अब उस गलती पर पश्चाताप करता हूँ खूब !
@@पंकज@@
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