MY THOUGHT MY WAY
Monday, July 21, 2014
नेता
ये नेता नहीं, गद्दार है ।
सुनती नहीं पुकार है ॥
होता बलत्कार है ।
जनता शर्मशार है ॥
नौकरी की मारामार है ।
होता धाधली बाजार है ॥
ये सरकार बेकार है ।
सरकारी काम का रविवार है ॥
ये नेता नहीं, गद्दार है ।
सुनती नहीं पुकार है ॥
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