Friday, August 28, 2015

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का त्योहार है।
भाई बहन का प्यार है।।
राखी रेशम की डोर है।
ईसमे बज्र जैसा जोर है।।

Monday, August 10, 2015

Teri Sadgi Teri Chanchlata

तेरी सादगी तेरी चंचलता तेरी मुस्कराहट रास आती है ।
ख्वाब मेँ आकर तु दूर होकर भी पास नज़र आती है ।।

Sunday, August 9, 2015

Bachpan ka Shauk

Bachpan me tha badaa shauk,
Baarish me bhigne ko,
Ab na bachpan hai na koi shauk,
Bhingata hun dard-e-aansu chhipane ko...

नेताओँ का देश

ये देश था वीर जवानो का ।
अब बन गया शैतानो का ॥
देश चल रहा इन नेताओं से, जो अंग्रेजो के चाटूर हैं।
देश बेचने को ये आतुर हैं ॥
रो रही जनता, ये सुनते नहीं पुकार है ।
लोगों का दर्द इन्हे मजा देता है, जाने कैसी सरकार है ॥
देश की कानून युवा जोश को रोक देता है ।
ये नेता युवा सोच के पैरों में कुल्हाड़ी ठोक देता है ॥
ये देश था वीर जवानो का ।
अब बन गया शैतानो का ॥

Thursday, August 6, 2015

गाँव और शहर

अक्सर लोग अनपढ़ देहाती को मूर्ख समझते ।
शहरी को बुद्धिमान डूड है कहते ।
तय करो आप... कौन मुर्ख कौन बुद्धिमान ??

अनपढ़ देहाती, गाय चराते ।
पढ़े लिखे शहरी, कुत्ते टहराते ।।
अनपढ़ देहाती, रोग का नाम भी नहीँ जानते ।
पढ़े लिखे शहरी, रोगोँ को बाहोँ मेँ ले घुमते ।।
अनपढ़ देहाती, राम राम है कहते ।
पढ़े लिखे शहरी, छक्को जैसे हाय हाय करते ।।
क्या अब भी देहाती मुर्ख, शहरी बुद्धिमान ???